09 May, 2012

जीती दमकल टीम, अग्नि हो जाती ठंडी-

File:London Fire Brigade Command Unit.JPG
दमड़ी दमड़ी जल रही, दे दमकल आवाज ।
दमकल कल से है लगा, मिली सफलता आज ।
 
मिली सफलता आज, बुझा दी गल्ला-मंडी  ।
जीती दमकल टीम, अग्नि हो जाती ठंडी । 

था बीमा बिन माल, सूद अब नोचे चमड़ी ।
दुकनदार बदहाल, बची चमड़ी न दमड़ी ।।

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3 comments:

  1. आग बुझ गयी अच्छा हुवा
    अब बस धुआँ ही रह गया ।

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  2. बची चमड़ी न दमड़ी
    politician ate it all
    beautiful poem

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  3. वाह रविकर जी बहुत अच्छी कुंडली लगाईं है ...वाह

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