01 March, 2013

बनवाया उस रोज, आय व्यय का तख्मीना-

 
जीना मुश्किल हो गया, बोला घपलेबाज |
पहले जैसा ना रहा, यह कांग्रेसी राज |

यह कांग्रेसी राज, नियम से करूँ घुटाला |  
 पर सांसत में जान, पडा इटली से पाला |

बनवाया उस रोज, आय व्यय का तख्मीना |
जीते चालीस चोर, रोज मरती मरजीना ||


बजट = आय व्यय का तख्मीना

करकश करकच करकरा, कर करतब करग्राह  । 
तरकश से पुरकश चले, डूब गया मल्लाह ।  

डूब गया मल्लाह, मरे सल्तनत मुगलिया ।  
जजिया कर फिर जिया, जियाये बजट हालिया ।

धर्म जातिगत भेद, याद आ जाते बरबस । 
जीता औरंगजेब, जनेऊ काटे करकश ।  
करकश=कड़ा      करकच=समुद्री नमक 
करकरा=गड़ने वाला
कर = टैक्स
करग्राह = कर वसूलने वाला राजा

Madan Mohan Saxena 

  उच्चस्तर पर सम्पदा, रहे भद्रजन लूट ।
संचित जस-तस धन करें, खुली मिली है छूट ।  

खुली मिली है छूट, बटे डीरेक्ट कैश अब ।
मनरेगा से वोट, झपटता पंजा सरबस । 

लेकिन मध्यम वर्ग, गिरे गश खा कर रविकर ।
मंहगाई-कर जोड़,  छुवें दोनों  उच्चस्तर ॥ 

लेकिन मध्यम वर्ग, गिरे गश खा कर रविकर-


 उच्चस्तर पर सम्पदा, रहे भद्रजन लूट । 

संचित जस-तस धन करें, खुली मिली है छूट ।  
खुली मिली है छूट, बटे डीरेक्ट कैश अब । 
मनरेगा से वोट, झपटता पंजा सरबस । 
लेकिन मध्यम वर्ग, गिरे गश खा कर रविकर । 
मंहगाई-कर जोड़,  छुवें दोनों  उच्चस्तर ॥ 
सकल घरेलू प्रोडक्शन, हुआ फीसदी सात ।
झेलें नेता माफिया, अभिनेता आघात । 

अभिनेता आघात, बूझते कारस्तानी ।
ये किसान मजदूर, करे हैं नित बेइमानी ।

मेरी सौ की ग्रोथ, बुराई मैं क्यूँ झेलूं ।
निन्यान्नावे ये लोग, गिराते सकल घरेलू ।।

सिली सिलिंडर सनसनी, मेहरबान मक्कार  |
प्रोसेस्ड खाने का करे, अब प्रचार
सरकार |


अब प्रचार
सरकार, पुरातन भोजन भूलो |
पाक कला त्यौहार, भूल कर केक कुबूलो |


फास्ट फूड भरमार, तरीके नए सोचिये |
पाई फुर्सत नारि, सतत अब नहीं कोंचिये ||

गैस सिलिंडर चलेगा पूरे दो महीने : है न उपाय-

 दाने खा लो अंकुरित, पी लो सत्तू घोल ।

पाव पाइए प्रेम से, ब्रेड पैकेट लो मोल ।

ब्रेड पैकेट लो मोल, लंच में माड़-भात खा ।

काटो मस्त सलाद, शाम को मूढ़ी चक्खा । 

चाय बना इक बार, डालिए  हॉट पॉट में ।

फास्ट फूड दो मिनट, पकाओ एक लाट में ।।



आशा है मेहमान की, होना नहीं निराश ।

खिला बताशा दे पिला, पानी बेहद ख़ास ।

पानी बेहद ख़ास, पार्टी उससे मांगो ।

करिए ढाबा विजिट, शाम को बाहर भागो ।

ख़तम होय न गैस, गैस काया में पालो ।

न तलना ना भून, सदा हर चीज उबालो  ।।

मा मू ली   बा पु-रा-जमा, जल डी-जल जंजाल ।

गैस सिलिंडर सातवाँ, छील बाल की खाल ।

छील बाल की खाल, सुबह का हुआ नाश्ता ।

चार चने की दाल, लंच में चले पाश्ता ।

फास्ट फूड ब्रेड जैम,  किचेन माता जी भूली ।

मूली गाजर काट,  बने  मुश्किल  मामूली ।

आग लगे डीजल जले, तले *पकौड़ी पन्त -

चाटुकार *चंडालिनी, चले चाट सामन्त । 
आग लगे डीजल जले, तले *पकौड़ी पन्त ।

तले पकौड़ी पन्त, कीर्ति मँहगाई गाई ।
गैस सिलिन्डर ख़त्म, *कोयले की अधमाई ।

*इडली अल्पाहार, कराये भोजन *जिंदल ।
इटली *पीजा रात, मनाते मोहन मंगल ।।
प्रश्न : तारांकित शब्दों के अर्थ बताएं ।।

बने नहीं पर न्यूज, लाख मारे मँहगाई

बावन शिशु हरदिन मरें, बड़ा भयंकर रोग ।

खाईं में जो बस गिरी, उसमें बासठ लोग ।

उसमें बासठ लोग, नाव गंगा में डूबी ।

दंगे मार हजार, पुलिस नक्सल बाखूबी ।

गिरते कन्या भ्रूण, पड़े अब खूब दिखाई ।

बने नहीं पर न्यूज, लाख मारे मँहगाई ।।

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